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होटल के एक कमरे में प्यारे लाल ठहरे
अभी आये भी नही थे उन्हे
खर्राटे गहरे
कि इतने में आवाज सुनी
किसी के रोने की
किसी के सिससने की
किसी के दर्द से कलपने की
साँप के फ़ुफ़कारने की फ़िर-
हल्की सी घुटी-घुटी एक चीख आई
डर के प्यारे लाल ने बत्ती जलाई
और जोर से चिल्लाये
कौन है भाई?
ये होटल है या भूत प्रेत का डेरा
आवाज सुन कर दौड़ता आया बेयरा
साहब क्या लाऊँ फ़रमाया
इतनी रात क्यों हमे जगाया
गुस्से में प्यारे लाल लाल हुए
बोले-
कैसा ये होटल है बतलाओ
क्या हो रहा इतनी रात समझाओ
वरना मै अभी पुलिस बुलाऊँगा
तुम सबको हवा जेल की खिलवाऊँगा
वेटर जो चुप खड़ा था
जोर से हँस दिया
प्यारे लाल ने गुस्से मे आ झापड़ जड़ दिया
कमबखत हमारा मजाक उड़ाता है
देर रात मुसाफ़िरों को डराता है
वेटर बोला लगता है आप
नही जानते कुछ माई बाप
नही यहाँ होता है कोई पाप
नही बगिया में है कोई साँप
ये तो इंजेक्शन का कमाल है
तभी तो कच्चा टमाटर भी हो जाता लाल है
सेब आम पपीते लौकी तुरई खीरे
जो खायेंगे आप सवेरे
ये करामाती इंजेक्शन
एक रात में करामात दिखलाता है
नवजात शिशु को ताकतवर बनाता है
प्यारे लाल झल्लाये
दिल किया एक इंजेक्शन इसे भी लागायें
फ़ल सब्जियां क्या इसान भी अब कृत्रिम हो गया है
दवाओ से फ़लता-फ़ूलता है दवाएं ही खाता है
विज्ञान का चमत्कार
परखनली का इंसान
भगवान की बनाई सृष्टि का
बन बैठा भगवान।
सुनीता शानू
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